खनिज विभाग की कार्रवाई सिर्फ गाड़ियों तक सीमित रही
बिलासपुर। कलेक्टर के सख्त निर्देशों और जिला प्रशासन के लगातार दावों के बावजूद बिलासपुर में रेत माफियाओं का साम्राज्य जस का तस कायम है। खनिज विभाग की टीम रोजाना वाहनों को पकड़ने का आंकड़ा बढ़ा रही है, लेकिन अवैध उत्खनन रोकने की असली जंग अब भी हार रही है। सवाल उठ रहा है कि आखिर इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती — क्या सिस्टम में कहीं न कहीं मिलीभगत छिपी है?बिलासपुर। कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार और उप संचालक खनिज प्रशासन के मार्गदर्शन में जिलेभर में अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। खनिज अमले ने मंगला, पाटबाबा, लोखड़ी, तुरकाडीह, निरतु, घुटकू, लमेर, लारिपारा, लोफंदी, कछार, ढेका, दर्रीघाट और लावर क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान लमेर-लारिपारा क्षेत्र से 3 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत का अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गए, जिन्हें थाना कोनी और कोटा की अभिरक्षा में रखा गया है। लोफंदी क्षेत्र से भी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत सहित जब्त किया गया, जबकि ढेका, दर्रीघाट और लावर क्षेत्र में रेत, चूना पत्थर, डस्ट और गिट्टी परिवहन करते 5 हाइवा वाहन पकड़े गए। कुल मिलाकर 9 वाहन खनिज नियमों के उल्लंघन में जब्त किए गए हैं, जिन्हें खनिज जांच चौकी में रखा गया है।
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