दिव्यांग दिवस पर केंद्रीय विद्यालय सीआरपीएफ में कार्यक्रम का आयोजन
बिलासपुर- केंद्रीय विद्यालय सीआरपीएफ भरनी बिलासपुर में 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगजनों के प्रति संवेदना, सम्मान और समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य रमाकांत कौशिक द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर केवि सीआरपीएफ बिलासपुर के शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन समाज की शक्ति हैं और उन्हें उचित अवसर, सुलभ वातावरण तथा समान भागीदारी उपलब्ध कराना हम सबकी जिम्मेदारी है। दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु नियुक्त विशेष शिक्षिका मनीषा बंजारे ने अपने संदेश में कहा कि- दिव्यजनों को समता, स्नेह, सौहार्द्र एवं संवेदनशीलता एवं सुरक्षा देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के दौरान विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, कविताएं, नाटक तथा प्रेरणादायक विचारों का आदान–प्रदान किया गया। जैस्मीन ने दिव्यजनों पर प्रेरक कविता, देवांश, निहारिका, निधि व सुजैन ने अभिनय के माध्यम से दिव्यांगजनों के प्रति समाज में जागरूकता व संवेदना का आह्वान किया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण पीहू, सुकैना, अगम्या,आरोही, वेदिका, खुशबू एवं समूह द्वारा सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान की भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण रहा जिसने सभी का मन मोह लिया और उपस्थित जनों को प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ चेतन जाम्बुलकर, जो नामी थेरपिस्ट एवं प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ उज़्मा एज़ाज़ ने दिव्यजनों को समाज की मूलधारा में सम्मिलित करने, समावेशी शिक्षा प्रदान करने अनेक उपयोगी सुझाव दिए। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल जागरूकता का माध्यम रहा, बल्कि सभी को यह संदेश भी दिया कि समावेशिता, समानता और संवेदनशीलता एक बेहतर समाज की नींव हैं।
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