जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों से नारागांव में इको-टूरिज्म का नया अध्याय शुरू होने को तैयार स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार के अवसर
बालोद - जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों से बालोद जिले के मनोरम प्राकृतिक वादियों को इको-टूरिज्म केन्द्र के रूप में स्थापित करने का सपना शीघ्र साकार होने वाला है। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा जिले में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिले के गुरूर विकासखण्ड के नारागांव स्थित सिया देवी मंदिर के समीप मनोरम झील पर एडवेंचर और राफ्टिंग सेंटर स्थापित की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य सतत पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है। नारागांव स्थित एडवेंचर और राफ्टिंग सेंटर में स्थानीय सामग्री एवं पारंपरिक कौशल से तैयार बाँस की राफ्ट उपलब्ध होंगी जिनका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। पर्यटक यहाँ राफ्टिंग, कैंपिंग, बोनफायर और स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा भविष्य में ईको-कॉटेज और सूर्योदय-सूर्यास्त व्यू प्वाइंट भी विकसित किए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को प्रकृति के बीच एक संपूर्ण आनंद का अनुभव मिलेगा। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील चंद्रवंशी ने इको टूरिज्म स्थल का निरीक्षण कर परियोजना को अंतिम स्वीकृति दी है। नारागांव स्थित एडवेंचर और राफ्टिंग सेंटर नए वर्ष से शुरू की जाएगी। इस तरह जिले में यह प्रयास इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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