रतनपुर में नए थानेदार का चार्ज लेते ही एक्शन के मूड में।
मां महामाया की नगरी में कानून-व्यवस्था सर्वोपरि: थाना प्रभारी का स्पष्ट संदेश
छत्तीसगढ रतनपुर
मां महामाया की नगरी में कानून-व्यवस्था सर्वोपरि: थाना प्रभारी
रतनपुर। आस्था, अनुशासन और कर्तव्य—इन तीनों का समन्वय जब प्रशासनिक जिम्मेदारी से जुड़ता है, तब व्यवस्था केवल नियम नहीं, बल्कि संस्कार बन जाती है। मां महामाया की पावन नगरी रतनपुर में शांति और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए थाना प्रभारी ने व्यापारियों एवं नागरिकों को स्पष्ट और प्रेरक संदेश दिया।
थाना प्रभारी ने कहा कि मां महामाया के दरबार में सेवा करने का अवसर मिला है, इसलिए अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने का प्रश्न ही नहीं उठता। यह सेवा केवल वर्दी का दायित्व नहीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है, जिसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाया जाएगा।
उन्होंने व्यापारियों और आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि नगर में कहीं भी कोई अवांछित व्यक्ति, संदिग्ध गतिविधि या अवैध कार्य नजर आए, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। सूचना मिलते ही त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनैतिक या गैरकानूनी गतिविधि को पनपने का अवसर न मिले।
थाना प्रभारी ने दो टूक शब्दों में कहा कि रतनपुर में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पुलिस और नागरिकों के आपसी विश्वास, संवाद और सहयोग से ही नगर को सुरक्षित और शांत रखा जा सकता है।
बैठक के दौरान उपस्थित व्यापारियों ने भी प्रशासन को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया और कहा कि वे नगर की शांति, सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।
यह संवाद केवल एक बैठक नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी और सजग नागरिकता की सीख है—जहां प्रशासन मार्गदर्शक की भूमिका में है और नागरिक अनुशासित शिष्य की तरह नगर को सुरक्षित रखने में सहभागी बन रहे हैं।
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छत्तीसगढ
December 20,
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