छत्तीसगढ़ का प्रयागराज राजिम: 16 घंटे की बारिश से महानदी उफान पर, समुद्र जैसा नजारा

राजिम (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहलाने वाली पवित्र नगरी राजिम इन दिनों प्राकृतिक नजारे से सराबोर है। यहां बीते 16 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश और सिकासार जलाशय से छोड़े गए 50 हजार क्यूसेक पानी की वजह से महानदी एक बार फिर से उफान पर है। नदी का फैलाव इतना बढ़ गया है कि यह दृश्य समुद्र जैसा दिखाई दे रहा है। तट पर बड़ी संख्या में लोग इस अद्भुत नजारे को देखने पहुंच रहे हैं।
तीन नदियों का संगम स्थल
राजिम की विशेषता यह है कि यहां पैरी, सोंढुर और महानदी नदियों का संगम होता है। संगम स्थल पर स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर भक्ति और आस्था का केंद्र है। यहां से देखने पर नदी का दृश्य रोमांचित कर देता है। तीन जिलों — गरियाबंद, धमतरी और रायपुर — को जोड़ने के लिए इस क्षेत्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू पुल, बेलाही घाट पुल और परसवानी पुल जैसे बड़े पुल बनाए गए हैं। इन पुलों से बहती नदी का नजारा और भी भव्य प्रतीत होता है।
लक्ष्मण झूला और मंदिर दर्शन
महानदी के बीच स्थित कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक भक्त आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां बना लक्ष्मण झूला राजिम के एक छोर से लोमष ऋषि आश्रम तक जुड़ा है। बारिश और तेज धारा के बावजूद भक्तों के लिए दर्शन में कोई रुकावट नहीं है।
राजिम और नवापारा सुरक्षित
भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के बावजूद राजिम और नवापारा शहर पूरी तरह सुरक्षित हैं। दोनों तटवर्ती शहरों की सुरक्षा के लिए मजबूत तटबंध और सीढ़ियां बनी हुई हैं। पैरी और महानदी के संगम पर बने चार एनिकट इस समय पूरे वेग से पानी बहा रहे हैं। कुलेश्वर महादेव मंदिर का विशाल चबूतरा जलधारा से घिरा जरूर है, लेकिन मंदिर के ऊपरी भाग तक पानी नहीं पहुंचा है।
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