छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन...शिक्षा विभाग में पदोन्नति लंबित,व्यवस्था प्रभावित
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से मुलाकात करके एवं ज्ञापन सौंपकर 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति सम्पन्न कराने के लिए धन्यवाद देते हुए सभी संवर्ग के शेष पदोन्नति प्रक्रियाओं को शीघ्र पूर्ण करने, टीईटी अनिवार्यता के निर्णय के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप/पुनर्विचार याचिका दायर करने, पेंशन एवं क्रमोन्नति संबंधी लंबित मांगो के शीघ्र निराकरण करने का ज्ञापन सौंपा ।छ.ग.टीचर्स एसोसिएशन जिला कोरबा के जिला अध्यक्ष मनोज चौबे ने बताया कि प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा एवं प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के साथ चर्चा में उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे जी व उप संचालक ए.एन बंजारा जी, सहायक संचालक एच.सी. दिलावर, सहायक संचालक ए.डी. कुर्रे, ने कहा कि अभी प्राथमिकता से प्राचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति करने, व्याख्याता पदोन्नति व रायपुर संभाग में प्रधान पाठक पदोन्नति पर कार्ययोजना बनाया जा रहा है, टीईटी के विषय मे शिक्षक घबराएं नही बल्कि उनके हित मे ही विभाग है, अभी जल्दबाजी की बात नही है। अन्य सभी मांग पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की ओर से निम्नांकित मांग विभाग के संज्ञान में प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया है कि शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया लम्बे समय से लंबित होने के कारण शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है, अतः निम्न बिंदुओं पर त्वरित निर्णय आवश्यक है— 1. शेष रिक्त प्राचार्य के पदों पर शीघ्र पदोन्नति दी जाए। 2. प्राचार्य के 10 % पदों पर विभागीय परीक्षा आयोजित किया जावे। 3. व्याख्याता ई संवर्ग के पदों पर पदोन्नति लंबित है, रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया अविलम्ब पूर्ण की जाए। 4. प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक), शिक्षक तथा प्रधान पाठक (प्राथमिक शाला) के सभी जिले के रिक्त पदों पर कलेंडर तय कर पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने निर्देश जारी की जाए। टीईटी अनिवार्यता के संबंध में मांग किया गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितम्बर 2025 को पारित निर्णय जिसमें 5 वर्ष अधिक से सेवा वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 17 अगस्त 2012 को जारी छत्तीसगढ़ राजपत्र शिक्षक पंचायत संवर्ग भर्ती तथा सेवा की शर्ते नियम 2012 के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किया गया है, इसके पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य नहीं था, अतः माननीय सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप/पुनर्विचार याचिका दायर कर 17 अगस्त 2012 के पूर्व नियुक्त सेवारत शिक्षकों के हितों की रक्षा करने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आवश्यक पहल किया जावे।हस्तक्षेप/पुनर्विचार याचिका में निर्णय सकारात्मक नही आने पर सेवारत शिक्षकों के हितों की रक्षा करने विभिन्न चरणों में शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय सीमित परीक्षा आयोजित किया जा सकता है।पेंशन एवं क्रमोन्नति संबंधी लंबित मांगो के शीघ्र निराकरण करने मांग किया गया है जिसमें एल बी संवर्ग के शिक्षकों की पूर्व सेवा गणना करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन निर्धारण, 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन व क्रमोन्नति / समयमान का जनरल आर्डर जारी करने हेतु मांग पत्र दिया गया, माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा याचिका क्रमांक WA/261/2024 में डबल बैंच द्वारा पारित निर्णय दिनांक 28/02/2024 के तहत सभी पात्र एल बी संवर्ग के शिक्षको के लिए क्रमोन्नति/समयमान का जनरल आर्डर जारी करने मांग किया गया।ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, बिलासपुर जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, महासमुंद जिलाध्यक्ष नारायण चौधरी, रायपुर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकला, राजनांदगांव जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा, नवीन चौधरी, हंसकुमार मेश्राम, मनोज कुमार वर्मा, किशन देशमुख, रोहित कुमार तारम, नंदकुमार साहू, भोपाल बंजारा, विजय दीवान, राहुल सिंह नेताम शामिल थे।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0