आज का पंचांग: मासिक शिवरात्रि और शुक्र प्रदोष का दुर्लभ संयोग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

आज 19 सितंबर, 2025 शुक्रवार, के दिन आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि है. इस तिथि पर नंदी का अधिकार है, जो भगवान शिव के वाहन हैं. पुराने पापों के प्रायश्चित के साथ योग और ध्यान के लिए यह सबसे अच्छा दिन है. आज शुक्र प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी है.
19 सितंबर का पंचांग
- विक्रम संवत : 2081
- मास : आश्विन
- पक्ष : कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
- दिन : शुक्रवार
- तिथि : कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
- योग : सिद्धि
- नक्षत्र : अश्लेषा
- करण : गर
- चंद्र राशि : कर्क
- सूर्य राशि : कन्या
- सूर्योदय : सुबह 06:27 बजे
- सूर्यास्त : शाम 06:39 बजे
- चंद्रोदय : तड़के 04.33 बजे (2- सितंबर)
- चंद्रास्त : शाम 05.05 बजे
- राहुकाल : 11:01 से 12:33
- यमगंड : 15:36 से 17:07
इस नक्षत्र में शुभ कार्य से करें परहेज
आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि और अश्लेषा नक्षत्र में रहेंगे. कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र का विस्तार 16:40 से 30 डिग्री तक है. इसके देवता सर्प और नक्षत्र स्वामी बुध हैं. इस नक्षत्र को अच्छा नक्षत्र नहीं माना जाता है. इस नक्षत्र में किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. हालांकि युद्ध में सफलता की तैयारी, तांत्रिक कार्य, कारावास या अलगाव से जुड़े कार्य, विनाश के कार्य और वरिष्ठों के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए इस नक्षत्र में कार्य किए जा सकते हैं.
आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 11:01 से 12:33 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.
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