डीन बोले,कृषक पराली नहीं जलाए,पराली जलाने से सूक्ष्म जीव और मित्र कीट होते है खत्म...किसान दिवस कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र में सम्पन्न
बिलासपुर।कृषि विज्ञान केन्द्र में स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत किसान दिवस सह एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डा. शिल्पा कौशिक, प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर ने विकसित भारत के अंतर्गत रोजगार एवं आजीविका के लिए वीबी-जी रामजी अधिनियम तथा किसान दिवस कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. आरके. एस. तोमर, प्रभारी अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय बिलासपुर ने किसान बंधुओं को खेती में स्वच्छता को कैसे जोड़ा जाए इस संबंध में ध्यान आकृष्ट किया तथा कृषकों को पराली नहीं जलाने का अनुरोध किया क्योंकि पराली जलाने से हमारे सूक्ष्म जीव और मित्र कीट खत्म हो जाते हैं। डा. एस.एल. स्वामी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, लोरमी ने कृषकों को प्राकृतिक व जैविक खेती के सभी मापदंडों को अपनाकर मूल्य संवर्धन करके खेती करने को प्रोत्साहित किया ताकि कृषकों को उनकी उपज का अधिक मूल्य प्राप्त हो सके। डाॅ. संजय वर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक, क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान, बिलासपुर ने कृषकों को प्राकृतिक खेती को अपनाने को प्रेरित किया तथा सब्जियों में कम से कम रसायनों का प्रयोग करने की सलाह दी ताकि मृदा की उर्वरता बनी रहे। डा. अमित शुक्ला, वैज्ञानिक ने विकसित भारत के अंतर्गत रोजगार एवं आजीविका के लिए वीबी-जी रामजी अधिनियम के बारे में विस्तार से कृषकों को बताया। इंजी. पंकज मिंज, वैज्ञानिक ने प्लास्टिक मल्चिंग की जगह पैरा मल्चिंग व पैरा प्रबंधन के संबंध में कृषकों को जानकारी दी। डा. निवेदिता पाठक, वैज्ञानिक ने कृषकों को प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने की तथा उससे होने वाले दुस्प्रभाव की जानकारी दी।इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी कृषक भाईयों एवं बहनों को स्वच्छता की शपथ दी तथा पोषण वाटिका हेतु सब्जियों के पौधों का वितरण स्व-सहायता समूह की महिलाओं को किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. एकता ताम्रकार, वैज्ञानिक ने किया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारीगण इंजी. पंकज मिंज, डा. चंचला रानी पटेल, सुशीला ओहदार, डा. स्वाति शर्मा, संतोष वर्मा, इंद्रराम पटेल एवं राजू कश्यप तथा कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर के छात्र-छात्राओं एवं बड़ी संख्या में कृषकों ने अपनी सहभागिता दी।
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