पीएम मोदी की माता पर ‘गाली-गलौज’ का आरोप: राहुल, तेजस्वी और साहनी के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद, जानें पूरा मामला

Sep 5, 2025 - 13:57
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पीएम मोदी की माता पर ‘गाली-गलौज’ का आरोप: राहुल, तेजस्वी और साहनी के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद, जानें पूरा मामला

 बिहार: कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन तीनों दिग्गज नेताओं के खिलाफ बेतिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के न्यायालय में एक परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज कराया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब विशेष MP-MLA न्यायालय में होगी।

क्या है पूरा मामला?

गोपालपुर थाने के घोंघा तिवारी टोला निवासी नीरज तिवारी ने यह परिवाद दायर किया है। उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि 28 अगस्त 2025 को दरभंगा में हुई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान मंच से प्रधानमंत्री की माता जी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया। नीरज तिवारी के मुताबिक, जब उन्होंने इस घटना के बारे में सुना तो वह हतप्रभ (स्तब्ध) रह गए। यह आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी समेत 200 अज्ञात लोगों पर लगाया गया है।

परिवादी नीरज तिवारी ने कोर्ट में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कुछ महत्वपूर्ण सबूत भी पेश किए हैं। उन्होंने कथित घटना का वीडियो क्लिप, एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर की गई पोस्ट और अखबारों की कटिंग को साक्ष्य के रूप में संलग्न किया है। इन साक्ष्यों को देखने के बाद, कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझा और आगे की कार्रवाई के लिए इसे विशेष अदालत में स्थानांतरित करने का फैसला किया।

क्यों भेजा गया MP-MLA स्पेशल कोर्ट में?

कानूनी प्रक्रियाओं के तहत, जब किसी जन प्रतिनिधि (सांसद या विधायक) के खिलाफ कोई मामला दर्ज होता है, तो उसकी सुनवाई के लिए विशेष अदालतें होती हैं। इन अदालतों का गठन इसलिए किया गया है ताकि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जा सके। चूंकि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी तीनों ही राजनीतिक और संवैधानिक पदों पर हैं, इसलिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) ने इस परिवाद को सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश, MP-MLA कोर्ट के पास भेज दिया है।

यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दलों के नेताओं पर इस तरह के आरोप और उस पर कोर्ट की कार्रवाई ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब सबकी निगाहें विशेष न्यायालय पर टिकी हैं, जहां इस परिवाद पर अगली सुनवाई होगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर नेताओं का क्या रुख होता है और यह मामला क्या मोड़ लेता है।

 

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