सीपी राधाकृष्णन: तमिलनाडु के दिग्गज नेता, आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले, भारत के 17वें उपराष्ट्रपति बने, जानें उनकी राजनीतिक यात्रा

भारतीय राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है. सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भारी मतों के अंतर से जीत हासिल कर ली है. इसके साथ ही वे देश के 17वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं.
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था. उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में की. भाजपा के संगठन और संसद तक उनके योगदान ने उन्हें एक वरिष्ठ नेता के रूप में स्थापित किया. झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहने के साथ ही उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी में भी प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभाली.
संसदीय और संगठनात्मक अनुभव
राधाकृष्णन ने 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी से राजनीति शुरू की. 1996 में वे भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने और 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा पहुंचे. संसद में उन्होंने वस्त्र मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्षता की और लोक उपक्रमों तथा वित्त परामर्श समिति में योगदान दिया. 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने.
प्रशासन और सामाजिक कार्य
भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राधाकृष्णन ने 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा का नेतृत्व किया, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता, छुआछूत मिटाने और मादक पदार्थों के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने का मकसद था. 2016 में कोयर बोर्ड, कोच्चि के अध्यक्ष बने और कोयर निर्यात रिकॉर्ड 2532 करोड़ रुपये तक पहुंचाया. 2020 से 2022 तक भाजपा के केरल प्रभारी रहे.
उपराष्ट्रपति बनने की सफलता
उपराष्ट्रपति चुनाव में 767 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें 752 वोट वैध रहे. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. भारी मतों के अंतर से राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति का पद के चुनाव में जीत दर्ज की और अब वे भारतीय संसद के उच्च सदन की अध्यक्षता करेंगे.
व्यक्तिगत जीवन और अंतरराष्ट्रीय अनुभव
खेलों में गहरी रुचि रखने वाले राधाकृष्णन कॉलेज में टेबल टेनिस चैम्पियन और लंबी दूरी के एथलीट रहे. क्रिकेट और वॉलीबॉल में भी उनकी दिलचस्पी रही. वे सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं और अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, जापान, चीन समेत 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं.
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