गुरु घासीदास बाबा जी की जयंती सिरगिट्टी कंचन विहार में श्रद्धा पूर्वक भव्य रूप से मनाया...मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व विधायक सियाराम कौशिक
बिलासपुर - सतनाम जागृति मंच सिरगिट्टी कंचन विहार द्वारा प्रथम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी जयंती दूसरे वर्ष बहुत ही श्रद्धा पूर्वक हरसोलास के साथ मनाया गया। आयोजक मंडल के दास सर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधन में बताया कि बाबा जी जन्म 18 दिसंबर 1756 ई. को गिरौदपुरी (वर्तमान बलौदाबाज़ार–भाटापारा जिला, छत्तीसगढ़) में हुआ। उनके पिता का नाम महंगूदास और माता का नाम अमरोतीन था। वे बचपन से ही शांत, चिंतनशील और सत्यनिष्ठ स्वभाव के थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व विधायक सियाराम कौशिक साथ में विशिष्ट अतिथि प्रखर पत्रकार महासंघ के जिला मीडिया प्रभारी यु मुरली राव वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन साहू समाजसेवी संजीव पाल गोविंद यादव पूर्व पार्षद रामकृष्ण राव, संतोष यादव सर्वप्रथम आयोजन मंडल द्वारा गुरु घासीदास बाबा जी की छायाचित्र पर माल्यार्पण श्रीफल चढ़कर पूजन किया गया अतिथियों ने भी श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना किया। जयंती कार्यक्रम में सैकड़ो की तादाद में लोग उपस्थित रहे एवं एक से बढ़कर एक पंथी नृत्य का प्रदर्शन किया गया लोग भक्ति पूर्ण वातावरण में नृत्य एवं भजन का आनंद लेते रहे मुख्य अतिथि सियाराम कौशिक जी अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु घासीदास बाबा जी का संदेश “मनखे-मनखे एक समान” – सभी मनुष्य बराबर हैं, कोई ऊँच-नीच नहीं। जाति-पाति का विरोध – समाज में भेदभाव और छुआछूत का खंडन , अहिंसा और करुणा – प्रेम, दया और शांति का मार्ग अपनाने की शिक्षा दी है। सरल और शुद्ध जीवन – सादगी, नैतिकता और आत्मसंयम पर बल दिया। नशा और कुरीतियों से दूर रहना – समाज को बुराइयों से मुक्त करने का प्रयास। मानवता की सेवा – मनुष्य की सेवा को ही ईश्वर की सच्ची पूजा उन्होंने बताया। इसी मार्ग पर चलकर हम भारत देश एवं छत्तीसगढ़ राज्य का विकास एवं उन्नयन होगा। आयोजक मंडल में मुख्य रूप से दास सर, वेद रात्रे, निर्मल खंडे, मांडले जी, रामबाबू पंचराम जोशी भगत सिंह, राम यादव, करुणा माता महिला समिति राजकुमारी बघेल दिव्या जी एवं बड़ी संख्या में महिला एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0