चुनाव बाद भूले वादे,पानी के लिए जूझता माखनपुर गांव... जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बनी संकट की वजह
कोरबा। ग्राम माखनपुर में बीते एक पखवाड़े से दो हैंडपंप बंद पड़े होने के कारण ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए ग्रामीणों को अब लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में पानी की समस्या दिन-ब-दिन विकराल रूप लेती जा रही है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अमले की नजर अब तक इस ओर नहीं पड़ी है।ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव की उदासीनता के कारण यह समस्या लगातार बनी हुई है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो हैंडपंपों की मरम्मत कराई गई और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इसका सीधा खामियाजा गांव के आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें रोजमर्रा के कामों के लिए पानी जुटाने में घंटों लग रहे हैं।ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं और मीठी-मीठी बातों में जनता को उलझाकर वोट हासिल कर लेते हैं, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ लिया जाता है। जब जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों पर खरे नहीं उतरते, तब गांवों में पानी, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत समस्याएं उभरकर सामने आती हैं।ग्राम माखनपुर की यह स्थिति जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि शीघ्र ही बंद पड़े हैंडपंपों को दुरुस्त कराया जाए और स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि गांव में फिर से राहत का माहौल बन सके। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी आवाज सुनेगा और इस गंभीर समस्या का जल्द समाधान कर गांव में खुशहाली लौटाएगा।
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