नान घोटाला: पूर्व मुख्य सचिव आलोक शुक्ला ED के हवाले, अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी भी जल्द

Sep 22, 2025 - 15:32
 0  4
नान घोटाला: पूर्व मुख्य सचिव आलोक शुक्ला ED के हवाले, अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी भी जल्द

रायपुर: बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले मामले में पूर्व मुख्य सचिव और रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला आज तीसरी बार ED की विशेष कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे। सरेंडर आवेदन स्वीकार होने के बाद उन्हें ED ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा की भी जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों को ED रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ करेगी। ED ने कोर्ट में 28 दिन का रिमांड आवेदन भी दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार इस मामले में सभी कार्रवाई विधिवत तरीके से की जाएगी।

ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि आलोक शुक्ला उस समय नान के चेयरमैन थे, जबकि अनिल टुटेजा सचिव के पद पर थे। अनिल टुटेजा की भी संलिप्तता नान घोटाले में पाई गई थी। चूंकि टुटेजा पूर्व से जेल में हैं, इसलिए कोर्ट में उनके लिए प्रोडक्शन वारंट दायर किया गया है। दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

इस मामले में दोनों अधिकारियों को पहले से हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ED की कस्टडी में रहना होगा, उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।

अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और ED की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के दूसरे ही दिन, 18 सितंबर को ED की टीम ने डॉ. आलोक शुक्ला के भिलाई स्थित घर में दबिश दी थी।

भूपेश सरकार में मिली पोस्टिंग

नान घोटाला का खुलासा होने के समय आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के सचिव थे। दिसंबर 2018 में EOW ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 2019 में हाईकोर्ट से दोनों अधिकारियों को अग्रिम जमानत मिली। जमानत मिलने के बाद दोनों को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई थी। इस दौरान आरोप है कि उन्होंने EOW की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।

नान घोटाले का पूरा मामला

नान घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया, जब ACB/EOW ने नागरिक आपूर्ति निगम के 25 परिसरों पर छापे मारे। छापों में 3.64 करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए। चावल और नमक के कई नमूनों की गुणवत्ता जांच में घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए। आरोप था कि राइस मिलों से घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई। चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार सामने आया। शुरू में शिव शंकर भट्ट समेत 27 लोग आरोपी थे, बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और MD का नाम भी आरोपियों में शामिल हुआ।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0